Shiv chaisa Secrets
Shiv chaisa Secrets
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मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री Shiv chaisa वृन्दा गुन खानी॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥ शंकर हो संकट के shiv chalisa in hindi नाशन ।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥